विद्युत कर्मचारियों की हडताल के चलते प्रभावित हो रहा वसूली का कार्य, विद्युत आपूर्ति में भी आ रही परेशानी

हड़ताल

उत्तर प्रदेश में विद्युत कर्मचारियों द्वारा अपनी मांगों को लेकर हड़ताल की जा रही है। हड़ताल को लेकर विद्युत व्यवस्था पटरी से उतरती हुई नजर आ रही है। वही विद्युत वसूली भी हड़ताल के चलते प्रभावित हो रही है। हड़ताल को लेकर सरकार भी सख्त नजर आ रही है। हड़ताली कर्मचारियों को बर्खास्त किया जा रहा है। वहीं हाईकोर्ट ने भी सख्त रुख अपनाते हुए संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया है।

अपनी मांगों को लेकर हडताल पर हैं विद्युत कर्मचारी

आपको बता दें के उत्तर प्रदेश में अपनी मांगों को लेकर सभी विद्युत निगम एवं कंपनियों के कर्मचारियों द्वारा हड़ताल की जा रही है। गुरुवार रात शुरू हुई हड़ताल शनिवार तक जारी रही। जिसके कारण पूरे प्रदेश में विद्युत व्यवस्था पटरी से उतरी हुई है। कई जगहों पर बिजली घर पूरी तरह से ठप पड़े हैं। वहीं विद्युत उत्पादन भी ठप होने की बात कही जा रही है।

विद्युत उत्पादन ठप होने का किया दावा

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे का दावा है कि 1030 मेगावाट क्षमता की 5 इकाइयां पूरी तरह से बंद हो गई है। वहीं प्रदेश में 1850 मेगाबाइट विद्युत उत्पादन प्रभावित हुआ है। पारेषण लाइनों में कमी आने पर कई 33/11 उपकेंद्रों पर आपूर्ति नहीं हो पा रही है। जिसके कारण लोगों को विद्युत नहीं मिल पा रही है।

शांतिपूर्ण तरीके से हो रहा है आंदोलन

इस दौरान इस दौरान हड़ताल कर रहे कर्मचारी नेताओं ने कहा के कर्मचारी बिजलीघर को अपनी मां के समान मानते हैं। उन्होंने कहा कि उन पर लगाए जा रहे तोड़फोड़ करने एवं हंगामा करने के आरोप गलत हैं। सभी कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे हैं।

सरकार ने की कर्मचारियों को हटाने की कार्रवाई 

इस दौरान सरकार द्वारा दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के 38 संविदा कर्मियों को हटा दिया गया। पावर कारपोरेशन के चेयरमैन देवराज ने बताया कि जिलों में बिजली अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि कार्य नहीं करने वालों के खिलाफ तत्काल एफआईआर दर्ज कराई जाए। वही मध्यांचल में 110 और पश्चिमाचंल में 60 लोगों को हटा दिया गया है। विभाग की कार्रवाई से कर्मचारियों में हड़कंप मचा हुआ है।

हडताल के चलते वसूली कार्य हो रहा प्रभावित

वही विद्युत कर्मचारियों के चलते वसूली का कार्य भी प्रभावित हो रहा है। सभी निगमों को मिलाकर विद्युत विभाग पर एक लाख करोड से भी अधिक का बकाया चल रहा है। प्रतिदिन 132 करोड़ के आसपास की वसूली होती है। हड़ताली कर्मचारियों के चलते वसूली का कार्य भी प्रभावित हो रहा है। आगे चलकर काफी परेशानी होगी। मार्च माह में सरकार द्वारा एकमुश्त समाधान योजना को भी लागू किया गया था।

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