Unique Fair of Rajasthan: आज हम एक अनूठे मेले के बारे में बात कर रहे हैं। यह मेला जोधपुर के खेजड़ली गाव में हर साल आयोजिक होता है। इस आयोजित मेले (Khejdli Shaheedi Fair) में काफी संख्या में कई गांव के महिला और पुरुष जाते हैं।
इस मेले में सबसे आकर्षण का केंद्र महिलाएं होती हैं। कई महिलाएं तो इतने भारी जेवर पहन कर आती हैं कि उसकी कीमत जान कर आपके होश उड़ जाएंगे।
आपको बता दें कि इस मेले में राजस्थानी पारंपरिक में सजी बिश्नोई समाज महिलाएं काफी वजन में आभूषण पहनकर पहुचती हैं। इस मेले (Khejdli Shaheedi Fair) में लुप्त हो गए गहने भी देखे जा सकते हैं।
इसमें सबसे महत्वपूर्ण है गले में पहनने वाली आड, इसका वेट काफी होता है। यह दर्शाती है कि महिला संपन्न परिवार से आती है। इस मेले में महिलाओं को सभी गहनों में देखा जा सकता है।
आपको बात दें कि इस मेले (Khejdli Shaheedi Fair) का उद्देश्य पेड़ो को बचाना हैं जिसके कारण 363 शहीदों ने बलिदान दे दिया था। इस मेले में हवन कुड़ में आहूती देकर शहीदों को नमन किया जाता है।
इस मेले में महिलाओं की संख्या काफी अधिक रहती है और वो भी बने अग्नि कुंड के फेरे लगाती हैं और शहीदों तो पुष्प अर्पित करती हैं। अधिरकतर यहां पुरुष लोग सफेद कपड़े पहनकर आते हैं।
जोधपुर के खेजडली गांव लूणी इलाके में स्थित है विक्रम संवत 1787 में जोधपुर में राज काम के लिए महाराजा के आदेशानुसार लकडियां काटने गए लोगों का बिश्नोई समाज के लोगों ने विरोध किया था
लेकिन महाराजा के काम का हवाला देकर पेड़ काटने की शुरुआत कर दी थी जिस कारण से बिश्नोई समाज के लोगों ने पेड़ से लिपटकर अपनी गर्दन कटा दी थी।
इस गांव में पर्यावरण प्रेमी अमृता देवी ने 280 साल पहले पेड़ो की रक्षा करने के लिए अपनी जान दे दी थी और उनके साथ 363 लोग भी शहीद हुए थे। इसलिए लोगों ने उनकी याद में शहीद स्मारक बनवाया है। इसके साथ पार्क और मंदिर की स्थापना भी की है।
जरुर पढ़े:- अब खराब कूलर को न बेचे, देगा AC जैसी ठंडी हवा, बस लगानी होगी ये छोटी सी डिवाइस