Water Purifier Technology: जल ही जीवन हैं और हर रोज पानी के कारण ही 20 में से एक की जान जा रही है। भारत में इसकी समस्या काफी बढ़ी हैं इसलिए रिसर्चर्स ने इस बात को समझकर प्यूरीफायर को बनाया जो कि इस समस्या का समाधा है।
बता दें कि वाटर प्यूरीफायर पानी में मौजूद कैमिकल्स और कई अन्य पदार्थों को अलग कर पानी को पीने के लायक बनाता है। और शरीर पर किसी भी तरह का बुरा प्रभाव नही पड़ता है। पहले वाटर प्यूरीफायर में कुछ फिल्टर्स का उपयोग किया जाता था जो कि हर प्रकार की वैक्टीरिया को अलग कर देते थे
लेकिन अब एक खास तरह की टेक्नोल़जी का उपयोग किया जा रहा है। जो कि पानी में मौजूद वैक्टीरिया को खत्म कर देती है यह टेक्नोलॉजी काफी नई है तो शायद यह आपको नही पता होगी।
UV लाइट Technology:Water Purifier Technology
हम जिस तकनीक की बात कर रहे हैं उसको यूवी लाइट तकनीक कहा जाता है या फिर इसे आप अल्ट्रावायलेट टेक्नोलॉजी भी कह सकते हैं। यह प्रोसेस प्यूरीफायर के सबसे आखिरी स्टेप में होता है।
जिसमें पानी में मौजूद वैक्टीरियां को सफाया कर दिया जाता है और पानी पीने लायक हो जाता है। जिसके बाद शरीर में किसी भी तरह का बुरा प्रभाव नही पड़ता है।
बता दें कि इस टेक्नोलॉजी का उपयोग करने के लिए खास तरह का चेंबर बनाया जाता है। जिसमें अलट्रावायलेट लाइटिंग मौजूद होती है। यह तो आपने सुना ही होगा कि अल्ट्रावॉयलेट लाइट शरीर के लिए काफी खतरनाक साबित हो सकती है और यह स्किन पर काफी बुरा प्रभाव भी डालती हैं।
ठीक उसी तरह जैसे पानी के वेक्टीरिया को खत्म करती है। और जैसे ही इस लाइट को ऑन किया जाता है बैक्टीरिया पूरी तरह खत्म हो जाते हैं। अगर आप वाटर प्यूरीफायर खरीदने का प्लान बना रहे हैं तो कोशिश यह करें कि वाटर प्यूरीफायर में यूवी तकनीक जरुर हो।
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